शिक्षा मानवता के समृद्धि और समृद्धि की कुंजी है। यही कारण है कि शिक्षा को जीवन का अद्वितीय हिस्सा माना जाता है, जो हर व्यक्ति के जीवन को उत्तरोत्तर बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इसके प्रकार, शिक्षा न ही सिर्फ ज्ञान का स्रोत होती है, बल्कि एक समृद्धि और समाज के विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी दिशा में, 'जगद्गुरु कृपालु परिषत्' ने श्री जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के प्रेरणास्त्रोत से मनगढ़ एवं आस-पास के गांवों में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस ब्लॉग में हम जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा किये निःशुल्क स्टेशनरी वितरण के बारे में पढ़ेंगे जो ही वर्ष 2014 में विद्यार्थियों की मदद हेतु किया गया ।
दिनांक 19 जुलाई 2014 को, इस संस्था ने मनगढ़ और परिसर में चल रही 11 शिक्षण संस्थाओं के करीब 8000 छात्रों को एक विशेष समारोह में आमंत्रित किया। संस्था की अध्यक्षा सुश्री विशाखा त्रिपाठी जी ने उन सभी छात्र-छात्राओं को शिक्षा से संबंधित सामग्री प्रदान की, जिसमें स्टेशनरी और अन्य आवश्यक वस्त्र शामिल थे। इस मौके पर, उन्होंने उन शिक्षकों को भी सम्मानित किया, जिनके सहयोग से यह शिक्षा संस्थाएं शिक्षा क्षेत्र में अपने कार्य को सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं।
इसके पश्चात्, दिनांक 22 जुलाई 2014 को कृपालु परिषत् एजुकेशन द्वारा प्रतापगढ़ जिले की कुण्डा तहसील में संचालित शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत लगभग 2500 छात्राओं को भी शिक्षा से संबंधित सामग्री वितरित की गई। इस योजना के अंतर्गत, 150 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, और उन्हें वस्त्र और छाता प्रदान किया गया।
इसी तरीके से, दिनांक 22 अगस्त 2014 को बरसाना ग्राम में भी लगभग 5000 छात्र-छात्राओं को शिक्षा से संबंधित सामग्री की निःशुल्क वितरण की गई। यह स्वागत समारोह परिषत् की अध्यक्षाओं द्वारा आयोजित किया गया था और उन्होंने शिक्षकों को भी सम्मानित किया और उन्हें वस्त्र और छाता प्रदान किया।
इस प्रकार, 'जगद्गुरु कृपालु परिषत्' ने निःशुल्क स्टेशनरी और शिक्षा सामग्री के वितरण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति उत्साहित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षकों का भी सम्मान किया और उन्हें शिक्षा क्षेत्र में उनके साहसी संघर्ष की प्रशंसा की है। 'जगद्गुरु कृपालु परिषत्' के इन प्रयासों से, शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो आने वाले समय में और भी बेहतरीन परिणामों को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इसी तरह हर वर्ष जगद्गुरु कृपालु परिषत् शिक्षा के प्रति अपना योगदान देता है जिससे की आने वाले भविष्य में सुधर हो । 30 से अधिक वर्षों से, जगद्गुरु कृपालु परिषत् ने धर्मार्थ देने की अपनी प्रथा जारी रखी है। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा स्थापित और प्रेरित इन प्रयासों ने परोपकार के तीन मुख्य हथियारों - चिकित्सा, शिक्षा और गरीब राहत को जन्म दिया है। अगर आप अन्य शिक्षा या जगद्गुरु कृपालु परिषत् के कार्यो के बारे में जाना चाहते है तो हमारी वेबसाइट पर जा के देख सकते है ।
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